जाम के दौरान फुर्सत के माहोल में ये घोड़ा-तांगा चालक। |
‘कहा जाता है कि
किसी भी प्रकार की प्रगति तभी संभव है, जब उसतक पहुंचने का रास्त साफ हों !’ ऐसे में यदि
प्रगति बाधिक होती है तो रास्ते भी सिमटने लगते हैं। मेरठ के कई ऐसे रास्तें हैं
जिन पर जाना मुहाल हो गया है। कहीं नाले खुदे हुए हैं, तो कही नालों की सफाई न
होने से कुड़ा-कर्कट जमा हो जाने से नाले जाम हैं, जहां-जहां नालों की सफाई हुई है
वहां के नालों की गंदगी सड़क पर पड़ी हुई है, कही सड़के टूटी हुई है, तो कही सड़के
के बीचों-बीच सिवेज लाईन की पुलिया बनाई हुई है, जिससे टकराकर कई व्यक्तियों की
जान, माल को खतरा हो रहा है, कहीं बारिश का पानी भरा हुआ है, तो कही सड़के के
किनारे नाली बनने का काम चल रहा है, जिनकी रोड़ी, डेस्ट सड़क पर बिखरे पड़े है,
जिससे वहां से गुजरने वाले लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। इतना ही नहीं
रोज-आना कई व्यक्ति उन सड़कों पर पड़ी गंदगी, सड़कों पर फैली रोड़ी-डेस्ट और
पुलियाओं के इन उभार से टकराकर जनता चोटिल हो रही है। यह कुछ ऐसे कार्य हैं जो कि
समय रहते हुए कर लेने चाहिए थे, लेकिन अभी भी अधर में लटके हुए है। मेरठ में पहले
से ही रोहटा फलाइ-आवर ब्रिज का कार्य रुक जाने से सालों से जनता को दूसरे रास्तों
से हो कर जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। लेकिन सिविल लोगों के इस जाम को राहत
देने के लिए प्रशासन ने मेरठ कैंट का रास्ता खुलवा दिया था, लेकिन अब मेरठ छावनी
की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ रास्त अब बंद हो गए हैं। अब मलियाना पुल पर
आवागमन अधिक बढ़ गया है। ऐसे में सफाई का कार्य, नाला निमार्ण कार्य और कई रास्तों
के ओवर-लोड के चलते इस रास्ते पर हर वक्त जाम की स्थिति रहती है। जिसे टेम्पों
चालकों ने और अधिक बढ़ा दिया है। ऐसे में स्कूले के बच्चों, कॉलेज के छात्रों, तथा
काम-काजी व्यक्तियों को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है। ठंड के मौसम में जिस
दिन अधिक बारिश हो जाती है उस दिन सड़क
किनारे पड़ी गंदगी सड़कों पर आ जाती है। जिससे वहां की जनता, व्यापारी और आवागमन
की समस्याएं और बढ़ा जाती है। सर्द मौसम में यातायात की समस्यां के चलते टेम्पों
चालक भी इसका फायदा उठाने से नहीं चूकते। जनता से किराये के रूप में टेम्पों चालक
अधिक वसूली करने लग जाते है। यह सारी समयाएं केवल समय पर काम न किये जाने के कारण
पनप रही है। यदि समय रहते इस सब को दुरुस्त कर लिया जाए तो शहर में यातायात संबंधी
सभी समस्याओं का निपटारा किया जा सकता है। प्रशासन और नगर निगम के सभी
पदाधिकारियों से गुजारिश है कि अपने क्षेत्र को आदर्श बनना के लिए जो जिम्मेदारी
आप को दी जाती है, उसका शीघ्रता के साथ निपटारा कर लिया जाए। साथ ही इसमें यदि हम
समय रहते कामयाब हो जाते हैं तो ऐसे में हम सब मेरठ को साफ, सुंदर और सुरक्षित बना
सकते हैं।
सुरेंद्र कुमार अधाना